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पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने धर्मांतरण और घुसपैठ पर उठाए सवाल, कहा : आदिवासी समाज दोतरफा संकट में

रिपोर्ट: MANISH 14 दिन पहलेझारखण्ड

पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि धर्मांतरित लोग आदिवासियों के लिए आरक्षित सीटों पर कब्जा कर रहे हैं जिससे सरना आदिवासी समाज के बच्चे पिछड़ रहे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने धर्मांतरण और घुसपैठ पर उठाए सवाल, कहा : आदिवासी समाज दोतरफा संकट में

सरायकेला : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने धर्मांतरण और बाहरी घुसपैठ के मुद्दे पर ट्विटर के माध्यम से अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज प्राकृतिक पूजक होता है, जो पहाड़ों, नदियों और प्रकृति की पूजा करता है। लेकिन धर्मांतरित लोग इस पूजन पद्धति और संस्कृति से अलग हो जाते हैं। चंपई सोरेन ने कहा कि हजारों साल पुरानी आदिवासी संस्कृति को नकार कर जो लोग धर्म परिवर्तन कर रहे हैं उन्हें कोई आपत्ति नहीं। लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि धर्मांतरण के बाद वे लोग उसी धर्म में रहें और आदिवासी समाज को मिलने वाले अधिकारों पर अतिक्रमण करने का प्रयास न करें। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में आदिवासी समाज दोतरफा संकट झेल रहा है। उन्होंने बांग्लादेशी घुसपैठियों द्वारा आदिवासियों की भूमि हड़पने और समाज में दखल बढ़ाने का आरोप लगाया और धर्मांतरण के माध्यम से बाहरी शक्तियों द्वारा भोले-भाले आदिवासियों को उनके मूल संस्कारों से दूर करने की कोशिश करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि धर्मांतरित लोग आदिवासियों के लिए आरक्षित सीटों पर कब्जा कर रहे हैं जिससे सरना आदिवासी समाज के बच्चे पिछड़ रहे हैं।

संपत्ति पर कब्जे को लेकर सवाल

चंपई सोरेन ने संथाल परगना में लागू एसएपीटी अधिनियम (Santhal Pargana Tenancy Act) का जिक्र करते हुए पूछा कि इन घुसपैठियों को आखिर जमीन कौन दे रहा है? वे कहां और कैसे बस रहे हैं?

आदिवासी समाज को सचेत रहने की अपील

उन्होंने आदिवासी समाज से अपील की कि वे अपनी संस्कृति और अधिकारों की रक्षा के लिए सतर्क रहें और बाहरी ताकतों के प्रभाव में न आएं।

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