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जमशेदपुर के गोपाल मैदान में आदिवासी सेमलेद 2025 में नगाड़ा बजाते नजर आए पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन

रिपोर्ट: MANISH 2 दिन पहलेझारखण्ड

चंपई सोरेन ने अपने संबोधन में कहा कि यह सिर्फ एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं बल्कि आदिवासी पहचान और स्वाभिमान का प्रतीक है।

जमशेदपुर के गोपाल मैदान में आदिवासी सेमलेद 2025 में नगाड़ा बजाते नजर आए पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन

जमशेदपुर : गोपाल मैदान में आयोजित भव्य आदिवासी सेमलेद 2025 में पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। उन्होंने न सिर्फ जनसभा को संबोधित किया बल्कि आदिवासी संस्कृति और परंपरा को सशक्त करने के उद्देश्य से नगाड़ा बजाकर पारंपरिक जोहार भी किया जिसे देख उपस्थित जनसमूह में उत्साह की लहर दौड़ गई। इस ऐतिहासिक आयोजन में राज्य भर से हज़ारों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग जुटे। कार्यक्रम का उद्देश्य आदिवासी अस्मिता, संस्कृति और अधिकारों के संरक्षण को लेकर जन-जागरूकता फैलाना था। चंपई सोरेन ने अपने संबोधन में कहा कि यह सिर्फ एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं बल्कि आदिवासी पहचान और स्वाभिमान का प्रतीक है। हमें एकजुट होकर अपने अधिकारों की रक्षा करनी होगी और अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मजबूत सामाजिक नींव तैयार करनी होगी। उन्होंने धर्मांतरण, आरक्षण, भूमि अधिकार, और आदिवासी रीति-रिवाज के संरक्षण जैसे मुद्दों पर भी खुलकर बात की और केंद्र एवं राज्य सरकारों से आदिवासी हित में ठोस नीति बनाने की मांग की। आदिवासी सेमलेद 2025 कार्यक्रम में विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ ही पारंपरिक गीत-संगीत और नृत्य का आयोजन किया गया। चंपई सोरेन द्वारा नगाड़ा बजाते ही माहौल पूरी तरह आदिवासी रंग में रंग गया। इस आयोजन के माध्यम से एक बार फिर यह संदेश दिया गया कि आदिवासी समाज अपनी जड़ों से जुड़ा है और अपनी संस्कृति एवं पहचान को लेकर पूरी तरह सजग और सक्रिय है।

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