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जल छाजन योजना के कार्यान्वयन में सरकारी राशि का हुआ बंदरबांट

रिपोर्ट: कार्तिक कुमार3 दिन पहलेझारखण्ड

ग्रामीणों ने अनदेखी का लगाया आरोप

पाकुड। जल छाजन योजना से आदिम जनजाति बहुल गांव में कार्यान्वित योजनाओं में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरते जाने की बात सामने आई है। जिले के लिट्टीपाड़ा ब्लॉक के तीसरो, जोरडीहा ,निपानिया जैसे आदिम जनजाति और आदिवासी बहुल आबादी वाले गांव में जल छाजन योजना से लाखों लाख की स्वीकृत योजना धरातल पर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। अगर इन योजनाओं की धरातलीय जांच ईमानदारी से कराई जाए तो लाखों, लाख की लागत से उक्त योजनाओं के नाम पर सरकारी राशि का बंदरबांट करने की बात सामने आ सकती है। 54.jpg WhatsApp Video 2025-07-12 at 6.47.00 PM.mp4 जल छाजन की योजनाओं से जुड़े गांव के लोगों का सीधा आरोप है कि हमारे गांव में जल का स्रोत पटवन के लिए योजना धरातल पर उतारी गई। लेकिन उन योजनाओं का वास्तविक लाभ आज हमे नहीं मिल पा रहा है। लेकिन उक्त योजनाओं से जुड़े अधिकारी, संवेदक और टेक्निकल एक्सपर्ट मालामाल हो गए। बरसात के दिनों में भी चेक डैम या फिर तालाब में पानी का ठहराव ना होना इनके तकनीकी एक्सपर्ट का होने का प्रमाण है।

इससे साफ समझ जा सकता है कि इन योजनाओं के नाम पर सिर्फ लूट खसोट की गई है। अभियंता से लेकर एजेंसी उक्त योजनाओं के नाम पर सरकारी पैसे का सिर्फ बंदरबांट करने का काम किया है। हालांकि इस बाबत जब ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता मृत्युंजय देहरी के संज्ञान में दिए जाने के बाद उन्होंने कहा कि वे दो-चार दिन पूर्व ही यहां का प्रभार ग्रहण किए हैं। उक्त मामले की जांच कर उन योजनाओं के कार्यान्वयन की दिशा में सुधार करने का काम करेंगे।

वास्तविक लाभुकों के हितों की कर दी अनदेखी

राज्य सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना जल छाजन पाकुड़ में अपने उद्देश्यों से भटकता नजर आ रहा है। पाकुड़ के लिट्टीपाड़ा में कार्यान्वित जलछाजन के तहत चेक डेम ,तालाब की हुई खुदाई ही नही प्रोडक्शन सिस्टम से बीज वितरण में भी पारदर्शिता और गुणवत्ता को दरकिनार कर योजनाओ के लाभुकों की हकमारी की गई है।यह सब इसलिए हो रहा है कि जल छाजन से धरातल पर उतारी गयी एव उतारी जा रही इन योजनाओं की जांच पड़ताल सही तरीके से नहीं की जाती है ।पाकुड जिले के लिटीपाड़ा प्रखण्ड के तिसरो, जोरडीहा,निपनिया आदि कई ऐसे आदिवासी एव आदिमजनजाति पहाड़िया गांवों में छल छाजन के तहत धरातल पर उतारी गयी योजनाएं अपने उद्देश्यों से भटकने के साथ साथ कार्यो को मूर्त रूप देने वाले विभाग से जूड़े अभियंताओं की करतूतों की पोल खोल रहा है और वास्तविक लाभुकों को उक्त योजना का लाभ शतप्रतिशत नही मिल पर रहा है।जल छाजन के तहत तिसरो गांव में जल संरक्षण और प्रबंधन के लिए जोरडीहा जल छाजन समिति द्वारा तिसरो नाला पर चेक डेम बनाया गया। ताकि पानी को रोका जा सके और इसका उपयोग नाला के आसपास के किसान अपने खेतों की सिंचाई के लिए कर सके। लेकिन यह चेक डेम बरसात के मौसम में भी पानी को नही रोक पा रहा।जोरडीहा जल छाजन समिति द्वारा तिसरो नाला पर बनाये गए चेकडैम के लाभुक भादो पहाड़िया ने बताया कि हमे कब और किसके द्वारा लाभुक बनाया गया यह भी नही मालूम।भादो पहाड़िया सहित कई ग्रामीणों ने कहा कि इस चेक डेम में पानी नही ठहर रहा है।ग्रामीण बागा पहाड़िया ,सुरजा पहाड़िया,सावला पहाड़िया ,जोमे पहाड़िया सहित दर्जनों के मुताबिक जैसे तैसे काम कराने के कारण ही इस चेकडैम का लाभ हम ग्रामीणों को नही मिल पा रहा।कमोवेश यही स्थिति निपनिया गाँव मे तालाब खुदाई कार्य की है।निपनिया गांव में पूर्व में खोदे गए तालाब में ही तालाब की खुदाई कर दी गयी। मिली जानकारी के मुताबिक जल छाजन योजना के तहत ग्रामीणों की आजीविका मे सुधार के लिए प्रोडक्शन सीस्टम की 15 प्रतिशत राशि से बीज वितरण आदि किया जाना था इसमें भी मनमानी एव लाभुकों के हितों की अनदेखी की गेयी है।जल छाजन योजना के तहत चेक डेम एवं तालाब निर्माण सहित बीज वितरण कार्य मे की गयी मनमानी ,अनियमितता बरती गई है। जल जल छाजन योजना के वितीय वर्ष 2023 -24 एवं 2024- 2025 तहत लिटीपाड़ा के आदिवासी एवं पहाड़िया गांवो में धरातल पर उतारी गयी योजनाओं की सही तरीके से जांच करायी गयी और इन योजनाओं के लाभुकों से पूछताछ की गयी तो योजना के नाम पर लूट खसोट ,लाभुकों की हकमारी के चौकाने वाली बातें सामने आएगी। उलेखनीय है कि जल छाजन योजना को धरातल पर उतारने उसका वास्तविक लाभ लाभुकों को मुहैया कराने,समय समय समय पर योजना की प्रगति की समीक्षा करने,रिपोर्टिंग करने की भी जिमेदारी तय की गई है। लेकिन इसका अनुपालन सही तरीके से नही किया गया।।तकनीकी विशेषज्ञ चंदन गुप्ता को योजना का अनुश्रवण एव रिपोर्टिंग की जिमेदारी दी गयी है ताकि सही स्थान और गुणवत्तापूर्ण योजना धरातल पर उतरे ।जबकि कार्य को मूर्त रूप देने के लिए कार्य एजेंसी ग्रामीण विकास विशेष प्रमण्डल को बनाया गया है।

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