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सरायकेला में अक्षय तृतीया पर श्री जगन्नाथ रथ निर्माण कार्य का भव्य शुभारंभ, पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने किया शुभारंभ

रिपोर्ट: MANISH 1 दिन पहलेझारखण्ड

श्री जगन्नाथ सेवा समिति के उपाध्यक्ष सनत कुमार आचार्य ने कहा कि यह दिन इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।

सरायकेला में अक्षय तृतीया पर श्री जगन्नाथ रथ निर्माण कार्य का भव्य शुभारंभ, पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने किया शुभारंभ

सरायकेला-खरसावां : अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर सरायकेला नगर के प्राचीन श्री जगन्नाथ मंदिर परिसर में भगवान श्री जगन्नाथ के भव्य रथ निर्माण कार्य का शुभारंभ पूर्व मुख्यमंत्री एवं स्थानीय विधायक चंपई सोरेन की उपस्थिति में हुआ। इस ऐतिहासिक क्षण को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर परिसर में उपस्थित हुए। पूजन कार्यक्रम सुबह 11 बजे आरंभ हुआ और लगभग 12:30 बजे चंपई सोरेन पहुंचे। उन्होंने रथ निर्माण के लिए उड़ीसा के कोणार्क से आए कारीगरों को कार्य प्रारंभ करने की अनुमति दी। श्री सोरेन ने कहा कि यह दिन अत्यंत पवित्र है और वर्षों पुरानी मांग को पूरा होते देखना गौरव का क्षण है। सभी प्राचीन सांस्कृतिक धरोहरों को संजोकर रखना हम सभी का दायित्व है। श्री जगन्नाथ सेवा समिति के उपाध्यक्ष सनत कुमार आचार्य ने कहा कि यह दिन इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। उन्होंने बताया कि रथ निर्माण की वर्षों पुरानी मांग थी लेकिन आर्थिक संसाधनों की कमी के कारण यह संभव नहीं हो पाया। स्थानीय विधायक चंपई सोरेन के सहयोग से इस वर्ष भव्य रथ निर्माण की शुरुआत हो पाई है। उन्होंने बताया कि निर्माणाधीन रथ की ऊंचाई 25 फीट, लंबाई 18 फीट, चौड़ाई 14 फीट और डिजाइन पुरी में स्थित सुभद्रा जी के रथ की तर्ज पर बनाया जायेगा। इस रथ का निर्माण कोणार्क के विश्वकर्मा समिति के अनुभवी कारीगरों द्वारा किया जा रहा है। मुख्य कारीगर प्रकाश कुमार ओझा ने बताया कि हम 1982 से रथ निर्माण कार्य कर रहे हैं और 40 दिनों के भीतर इस भव्य रथ को तैयार कर देंगे। हमारे साथ आठ कुशल कारीगर यहां पहुंचे हैं और हम सब प्रभु श्री जगन्नाथ के आशीर्वाद से इस कार्य को पूर्ण करेंगे। समिति के संयोजक गुरु प्रसाद महाराणा ने भी बताया कि पिछले वर्ष वे निर्माण नहीं कर पाए थे लेकिन इस बार ठाकुर जी की कृपा से सबकुछ संभव हो पाया। इस ऐतिहासिक पहल से सरायकेला जिले में धार्मिक व सांस्कृतिक चेतना को नया बल मिल रहा है। श्रद्धालुओं में रथ निर्माण को लेकर अत्यधिक उत्साह और आस्था का माहौल देखने को मिल रहा है।

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