हरविंदर सिंह जमशेदपुरी का मलेशिया दौरा: गुरमत की रोशनी को वैश्विक पटल पर फैलाने का आध्यात्मिक संकल्प, मेलाका से होगी पहली प्रस्तुति
यह दौरा लौहनगरी जमशेदपुर का नाम रोशन करने के साथ-साथ वैश्विक सिख समुदाय को एक नई प्रेरणा देगा।

Jamshedpur: सिख धर्म के पवित्र सिद्धांतों को दुनिया के कोने-कोने में पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, जमशेदपुर के युवा सिख धर्म प्रचारक और विचारक हरविंदर सिंह जमशेदपुरी मलेशिया में गुरमत का प्रचार-प्रसार करने जा रहे हैं। रविवार से शुरू होने वाला यह 20 दिवसीय दौरा, दक्षिण पूर्व एशिया के मेलाका शहर से अपनी पहली प्रस्तुति के साथ आरंभ होगा, जहां हरविंदर सिंह जमशेदपुरी गुरबाणी की व्याख्या और सिख मर्यादा के संदेश को ओजस्वी ढंग से प्रस्तुत करेंगे।
मलेशिया दौरे का पहला कार्यक्रम 21 दिसंबर (रविवार) को मेलाका शहर में होगा, यह आयोजन न केवल गुरबाणी की मधुर व्याख्या का माध्यम बनेगा बल्कि प्रवासी सिखों को अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक जड़ों से जोड़ने का अवसर प्रदान करेगा। सिख धर्म के दृष्टिकोण से ऐसे प्रयास गुरु गोबिंद सिंह जी की 'खालसा' की भावना को जीवंत रखते हैं, जहां हर सिख को धर्म प्रचारक की भूमिका निभानी है।
यह दौरा लौहनगरी जमशेदपुर का नाम रोशन करने के साथ-साथ वैश्विक सिख समुदाय को एक नई प्रेरणा देगा। हरविंदर सिंह जमशेदपुरी के शब्दों में ही कहा जाए तो, "यह दौरा गुरमत की ज्योति को दुनिया भर में फैलाने का संकल्प है। सिख संगत को उम्मीद है कि ऐसे कार्यक्रम भविष्य में और अधिक देशों में आयोजित होंगे ताकि गुरु की वाणी हर दिल तक पहुंच सके। धार्मिक दृष्टिकोण से देखें तो यह दौरा सिख धर्म की वैश्विक एकता को मजबूत करने का प्रतीक है। गुरु ग्रंथ साहिब की शिक्षाएं बताती हैं कि धर्म का प्रसार सीमाओं से परे है, और हरविंदर सिंह जमशेदपुरी का यह प्रयास ठीक उसी भावना को साकार कर रहा है। मलेशिया जैसे बहुसांस्कृतिक देश में, जहां सिख समुदाय अपनी जड़ों से जुड़ने की कोशिश करता है, ऐसे कार्यक्रम गुरमत शिक्षा को नई ऊर्जा प्रदान करेंगे। यह न केवल व्यक्तिगत आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देगा बल्कि पंथक एकता को मजबूत कर सामाजिक सद्भाव की नींव रखेगा। हरविंदर सिंह जमशेदपुरी, जो सिख सिद्धांतों की सटीक व्याख्या और उनके गलत प्रस्तुतीकरण पर सवाल उठाने के लिए विख्यात हैं, इस दौरे को एक विनम्र आध्यात्मिक मिशन मानते हैं। उन्होंने अपने विदेशी दौरे से पूर्व मजबूती से कहा कि उनका प्रयास है कि प्रवासी सिख संगत के बीच गुरमत शिक्षा को और सुदृढ़ किया जाए तथा पंथक एकता और मर्यादा का संदेश मजबूती से पहुंचे। यह दौरा उसी उद्देश्य की दिशा में एक विनम्र प्रयास है। प्रचारक जमशेदपुरी का मानना है कि गुरमत का प्रचार केवल शब्दों तक सीमित नहीं बल्कि जीवन की हर सांस में समाहित होना चाहिए ताकि सिख समुदाय वैश्विक चुनौतियों का सामना करते हुए अपनी पहचान को बनाए रख सके। झारखंड के जमशेदपुर में जन्मे हरविंदर सिंह जमशेदपुरी ने पंजाब के लुधियाना स्थित गुरमत ज्ञान मिशनरी कॉलेज, जवड्डी से औपचारिक गुरमत शिक्षा प्राप्त की है। उनका प्रचार कार्य मुख्य रूप से पंथक एकता, अनुशासन और गुरमत शिक्षा पर केंद्रित रहा है। वर्तमान में वे जमशेदपुर स्थित गुरमत प्रचार केंद्र का नेतृत्व कर रहे हैं, जहां लगभग 30 सदस्यों की टीम सक्रिय रूप से कार्यरत है। इस केंद्र के माध्यम से उन्होंने झारखंड, पंजाब, ओडिशा, महाराष्ट्र, बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में नियमित रूप से गुरमत कथा, प्रचार और समागम आयोजित किए हैं। जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गढ़गज के सहयोग से झारखंड के कई गुरुद्वारों में इस रहत मर्यादा के क्रियान्वयन में हरविंदर सिंह की भूमिका सराहनीय रही है, जो सिख समुदाय में अनुशासन और एकता की भावना को मजबूत करती है।