झारखंड में अंतरराष्ट्रीय वन्यजीव तस्करी रैकेट का भंडाफोड़, स्नेक वेनम और पैंगोलिन शल्क के साथ 10 तस्कर गिरफ्तार
Made in France स्नेक वेनम ने खोला वैश्विक नेटवर्क का सूत्र, WCCB और वन विभाग की संयुक्त कार्रवाई से करोड़ों की तस्करी उजागर

पलामू : झारखंड के पलामू में वन्यजीवों की अवैध तस्करी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय-स्तरीय सफलता दर्ज की गई है। वन विभाग और वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (WCCB) द्वारा चलाए गए विशेष अभियान में अब तक 10 तस्करों को गिरफ्तार किया जा चुका है। बरामद सामग्री की अंतरराष्ट्रीय कीमत करोड़ों रुपये आंकी जा रही है जो इस पूरे मामले के बड़े वैश्विक नेटवर्क से जुड़े होने की पुष्टि करती है।
इस अभियान की शुरुआत WCCB की एक गोपनीय सूचना से हुई जिसके आधार पर छतरपुर पश्चिमी वन प्रक्षेत्र की टीम ने 18 नवंबर की शाम हरिहरगंज में व्यापक छापेमारी की। सूचना के अनुसार क्षेत्र में पैंगोलिन के शल्क और सांप के जहर की एक सक्रिय अवैध आपूर्ति श्रृंखला काम कर रही थी।
पहले चरण में तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया। इनके पास से 1.2 लीटर फ्रांस निर्मित स्नेक वेनम, लगभग 2 किलोग्राम पैंगोलिन शल्क बरामद किए गए। जब्त आईडी कार्डों पर स्पष्ट रूप से Made in France अंकित था जिसने अंतरराष्ट्रीय गिरोह की संलिप्तता को और मजबूत किया।
पहली गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ, इलेक्ट्रॉनिक ट्रेसिंग और तकनीकी विश्लेषण के आधार पर वन विभाग ने आज दूसरी बड़ी कार्रवाई की। इस चरण में 7 और तस्करों में राहुल कुमार, गोपाल प्रसाद सिंह, मानकी सिंह, समितुला मियां, तैयब अंसारी, अनिल यादव और विनोद चंद्रवंशी को पकड़ा गया। इनके पास से लगभग 10 किलोग्राम पैंगोलिन स्केल्स बरामद किए गए। इस प्रकार कुल बरामदगी 12 किलोग्राम पैंगोलिन शल्क तक पहुँच चुकी है।
दोनों चरणों में गिरफ्तार सभी आरोपियों को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की गंभीर धाराओं के तहत न्यायिक अभिरक्षा में भेजा जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि इस गिरोह में झारखंड और बिहार दोनों राज्यों के तस्कर शामिल हैं जो एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा हैं।
जब्त स्नेक वेनम के साथ मिले विदेशी आईडी कार्डों ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि यह जहर भारत में कैसे पहुँचा, इसकी अंतरराष्ट्रीय सप्लाई चेन किस देश से संचालित होती है और स्थानीय स्तर पर इसके एजेंट कौन हैं। WCCB इन पहलुओं की विशेष जांच कर रहा है।
DFO सत्यम कुमार ने इस संयुक्त अभियान को एक बड़ी सफलता बताते हुए कहा कि जांच अब और तेज की जा रही है और आने वाले दिनों में कई और बड़े खुलासे संभव हैं। पलामू प्रमंडल और बिहार सीमावर्ती इलाकों में निगरानी बढ़ा दी गई है। अधिकारियों का मानना है कि यह गिरोह काफी विस्तृत नेटवर्क का हिस्सा है और जल्द ही कई और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
यह कार्रवाई भारत में अंतरराष्ट्रीय वन्यजीव तस्करी के खिलाफ चल रही लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर मानी जा रही है।