ताज़ा-ख़बर

जलसहिया पर सरकारी योजनाओं में अनियमितता का आरोप, डीसी से जांच की मांग

रिपोर्ट: कार्तिक कुमार12 घंटे पहलेझारखण्ड

मामला सामने आने के बाद 26 नवंबर 2025 को अमड़ापाड़ा थाना में दोनों पक्षों के बीच पूछताछ भी हुई।

जलसहिया पर सरकारी योजनाओं में  अनियमितता का आरोप, डीसी से जांच की मांग

अमड़ापाड़ा । प्रखंड के बासमति पंचायत में जलसहिया पर सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं में गंभीर अनियमितता बरतने का आरोप सामाजिक कार्यकर्ता नरेश कांत साह ने लगाया है। इस बाबत श्री साह ने डीसी को उक्त जलसहिया के विरुद्ध लिखित शिकायत की है।मामला प्रकाश में आया है। श्री साह ने उपायुक्त को लिखित शिकायत सौंपकर पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

शिकायत में आरोप लगाया गया है कि आशा देवी (जलसहिया) एवं उनके पति द्वारा सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग किया गया। बताया गया कि श्रीमती आशा देवी के पति द्वारा पूर्व में अपनी जमीन पिंकी देवी को विधिवत रजिस्ट्री के माध्यम से बेच दी गई थी। इसके बावजूद उसी जमीन पर अवैध रूप से निर्माण कराकर आबुआ आवास योजना के तहत सरकारी राशि की निकासी कर ली गई। शिकायतकर्ता के अनुसार, जिस भूमि पर आबुआ आवास योजना का लाभ लिया गया, वह जमीन पहले से ही दूसरे व्यक्ति के नाम रजिस्टर्ड थी। आरोप है कि इस संबंध में जानबूझकर तथ्यों को छुपाया गया और प्रशासनिक मिलीभगत से योजना का लाभ प्राप्त किया गया। शिकायत के साथ योजना से जुड़े दस्तावेज और जांच कार्ड भी संलग्न किए गए हैं।

मामला सामने आने के बाद 26 नवंबर 2025 को अमड़ापाड़ा थाना में दोनों पक्षों के बीच पूछताछ भी हुई। शिकायत में बताया गया है कि श्रीमती पिंकी देवी एक विकलांग बच्चे की माता हैं, जिसके कारण उन्हें लगातार मानसिक व शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शिकायत पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि पंचायत की ग्रामीण पेयजल योजना पिछले 2–3 वर्षों से बंद पड़ी है। दो मोटर लगाए जाने के बावजूद जलापूर्ति बहाल नहीं हो सकी। आरोप है कि जलसहिया द्वारा लगभग 300 लाभुकों से अवैध वसूली कर पेयजल आपूर्ति अपने नियंत्रण में रखी गई। इसके अलावा, पेयजल आपूर्ति ऑपरेटर को कई महीनों तक मानदेय नहीं दिया गया, जिससे उसने काम छोड़ दिया। इसके बावजूद संबंधित विभाग द्वारा अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। जलसहिया पर छह पेयजल कनेक्शन से संबंधित अनियमितता का भी आरोप लगाया गया है, जिसकी शिकायत पूर्व में प्रखंड विकास पदाधिकारी को भी दी जा चुकी है। शिकायतकर्ता ने उपायुक्त से मांग की है कि संलग्न साक्ष्यों के आधार पर पूरे मामले की गंभीर जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त विभागीय एवं कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही थाना प्रभारी अमड़ापाड़ा को भी इस मामले से अवगत कराया गया है। अब देखना होगा कि जिला प्रशासन इस गंभीर आरोप पर क्या कदम उठाता है और क्या सरकारी योजनाओं में कथित भ्रष्टाचार की परतें खुल पाती हैं या नहीं।

इन्हें भी पढ़ें.