झारखंड में बीमार एंबुलेंस, बदहाल व्यवस्था - चतरा में 108 सेवा पर सवाल, मरीजों की जान से खिलवाड़
स्वास्थ्य मंत्री और विभाग की लापरवाही उजागर, धक्का देकर स्टार्ट करते एंबुलेंस का वीडियो वायरल

चतरा : जिले के हंटरगंज प्रखंड से सामने आया एक वायरल वीडियो राज्य के स्वास्थ्य तंत्र की जमीनी हकीकत और सरकारी दावों की पोल खोलता नजर आ रहा है। रविवार दोपहर से सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे इस वीडियो में 108 नंबर की सरकारी एंबुलेंस को मरीज ले जाने के लिए लोगों द्वारा धक्का देकर स्टार्ट करते देखा जा सकता है। यह दृश्य न केवल चौंकाने वाला है बल्कि स्वास्थ्य मंत्री और पूरे स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल भी खड़े करता है। बताया जा रहा है कि यह वीडियो हंटरगंज प्रखंड के जोरी स्वास्थ्य उपकेंद्र के ठीक सामने का है जहां रविवार अहले सुबह मरीज को अस्पताल पहुंचाने के लिए खड़ी 108 एंबुलेंस स्टार्ट नहीं हो सकी। मजबूरी में स्थानीय लोग एंबुलेंस को धक्का देते नजर आए तभी किसी ने इसका वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर साझा कर दिया। देखते ही देखते यह वीडियो वायरल हो गया और लोगों का गुस्सा स्वास्थ्य विभाग पर फूट पड़ा। सोशल मीडिया यूजर्स ने तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं। कई लोगों ने लिखा कि 108 एंबुलेंस का बीच रास्ते में खराब हो जाना अब आम बात हो गई है। किसी ने सवाल उठाया कि जब एंबुलेंस ही बीमार है तो वह बीमार मरीजों को अस्पताल कैसे पहुंचाएगी? जनता का कहना है कि सरकार ने एंबुलेंस सेवा गरीब और जरूरतमंदों के लिए शुरू की थी लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण इसका खामियाजा सीधे मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। मामले की पड़ताल में एंबुलेंस चालक कृष्णा रजक ने बताया कि मरीज को जोरी उप स्वास्थ्य केंद्र से चतरा सदर अस्पताल ले जाना था लेकिन घंटों प्रयास के बाद भी एंबुलेंस स्टार्ट नहीं हुई। अंततः हंटरगंज से दूसरी एंबुलेंस मंगवाकर मरीज को भेजा गया। सवाल यह है कि इस दौरान मरीज की हालत बिगड़ती तो जिम्मेदारी किसकी होती? ग्रामीणों का आरोप है कि एंबुलेंस की नियमित फिटनेस जांच नहीं होती। वाहन जर्जर हालत में सड़कों पर दौड़ रहे हैं। यह लापरवाही सीधे-सीधे मानव जीवन के साथ खिलवाड़ है। ग्रामीणों ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री और विभाग केवल कागजी समीक्षा तक सीमित हैं, जमीनी हकीकत से उनका कोई सरोकार नहीं है। इस पूरे मामले पर चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. वेद प्रकाश ने भी गंभीर चिंता जताई। उन्होंने स्पष्ट कहा कि 108 एंबुलेंस की फिटनेस व्यवस्था बेहद लचर है। इसे लेकर उन्होंने कई बार जिला सीएल राजकुमार को अवगत कराया लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इसका सीधा नुकसान मरीजों को उठाना पड़ रहा है। नियमों के अनुसार आपातकालीन सेवाओं में प्रयुक्त एंबुलेंस का नियमित फिटनेस, मेंटेनेंस और तकनीकी निरीक्षण अनिवार्य है। बावजूद इसके चतरा में धक्का मारकर स्टार्ट होती एंबुलेंस स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही और जवाबदेही की कमी को उजागर करती है। अब सवाल यह है कि क्या स्वास्थ्य मंत्री और विभाग इस गंभीर मामले पर जवाब देंगे या फिर यह वीडियो भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगा?