14 साल बाद मिला इंसाफ, बरनावास इक्का हत्याकांड में निर्दोष साबित हुए तीन सजायाफ्ता
गांव उतराठी में जश्न का माहौल, झारखंड हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला

चतरा/टंडवा : कहते हैं इंसाफ मिलने में देर हो सकती है लेकिन इंसाफ मिलकर रहता है। टंडवा थाना अंतर्गत ग्राम उतराठी के तीन ग्रामीणों पंचम सिंह, राजदेव सिंह और इंद्रदेव सिंह को आखिरकार 14 साल बाद न्याय मिला जब झारखंड हाईकोर्ट ने उन्हें निर्दोष करार देते हुए रिहा करने का आदेश दिया। गौरतलब है कि वर्ष 2010 में पिपरवार थाना कांड संख्या 16/2010 के तहत बरनावास इक्का हत्याकांड में सुचिता मिंज के बयान के आधार पर तीनों को अभियुक्त बनाया गया था। 2013 में व्यवहार न्यायालय चतरा ने इन्हें दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। लेकिन वर्षों से जेल में बंद इन ग्रामीणों और उनके परिवारों ने न्याय की उम्मीद नहीं छोड़ी। अंततः हाईकोर्ट में चली लंबी कानूनी लड़ाई के बाद उन्हें निर्दोष घोषित किया गया और 14 साल बाद रिहा कर दिया गया। जैसे ही उनकी रिहाई की खबर गांव पहुंची उतराठी में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। ग्रामीणों ने कहा कि देर से सही लेकिन अब न्याय मिला। यह मामला न केवल न्यायपालिका पर भरोसे की मिसाल बना बल्कि यह भी दिखा गया कि झूठे मुकदमे में फंसाए गए निर्दोषों को भी देर-सवेर इंसाफ जरूर मिलता है।