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हिरणपुर के कुणाल शील बने स्टार जलसा के नायक

रिपोर्ट: कार्तिक कुमार1 दिन पहलेझारखण्ड

मेहनत, आत्मविश्वास और संघर्ष ने दिलाई अभिनय जगत में नई पहचान

हिरणपुर के कुणाल शील बने स्टार जलसा के नायक

हिरणपुर : कहते हैं अगर मन में दृढ़ इच्छा शक्ति और लगन हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं रहता। इसी कहावत को सच कर दिखाया है हिरणपुर के युवा कुणाल शील ने, जिन्होंने अपनी प्रतिभा और निरंतर मेहनत के दम पर कोलकाता के प्रसिद्ध बंगाली चैनल “स्टार जलसा” के सीरियल में नायक की भूमिका हासिल की है। कुणाल की इस उपलब्धि से न केवल उनके परिवार में, बल्कि पूरे हिरणपुर क्षेत्र में गौरव और खुशी की लहर दौड़ गई है। कुणाल, हिरणपुर के प्रतिष्ठित परिवार से संबंध रखते हैं। उनके पिता मानव शील एक सामाजिक रूप से सक्रिय व्यक्ति हैं और हमेशा अपने पुत्र को बड़े सपने देखने और मेहनत करने के लिए प्रेरित करते रहे हैं। कुणाल ने मालदा स्थित कॉलेज से बी.ए. की पढ़ाई पूरी करने के बाद अभिनय को अपना करियर बनाने का निर्णय लिया। इसके लिए उन्होंने करीब पांच वर्ष पूर्व कोलकाता का रुख किया। 34.jpg संघर्ष से सितारों तक का सफर कोलकाता पहुंचने के बाद कुणाल का सफर आसान नहीं था। प्रारंभिक दौर में उन्हें कई ऑडिशन देने पड़े, और कई बार असफलता भी हाथ लगी। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने अभिनय को समझने और सुधारने के लिए विभिन्न वर्कशॉप्स और थिएटर ग्रुप्स में भाग लिया। धीरे-धीरे मॉडलिंग में उन्हें पहला अवसर मिला। इसके बाद म्यूजिक एलबम और शॉर्ट फिल्मों में अभिनय करते हुए उन्होंने इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाई। लगातार मेहनत और समर्पण का परिणाम यह रहा कि तीन वर्ष पूर्व स्टार जलसा चैनल की एक चर्चित टीवी सीरियल में उन्हें मुख्य भूमिका निभाने का मौका मिला। अब कुणाल छोटे पर्दे पर अपनी प्रतिभा से दर्शकों का दिल जीत रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनका सपना है कि एक दिन वह बड़े पर्दे पर भी काम करें और अपने जिले तथा राज्य का नाम रोशन करें। परिवार और क्षेत्र में खुशी का माहौल था वहीं स्थानीय लोगों ने कहा कि कुणाल की उपलब्धि हिरणपुर और पाकुड़ जिले के युवाओं के लिए प्रेरणा है। सीमित संसाधनों के बावजूद किसी युवा का इस मुकाम तक पहुंचना इस बात का प्रमाण है कि इच्छाशक्ति और समर्पण से सब कुछ संभव है। प्रेरणा का स्रोत बने कुणाल कुणाल अब भी जमीन से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि वह जब भी मौका मिलता है, अपने गांव आकर अपने दोस्तों और पुराने शिक्षकों से मिलते हैं।

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