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गिरिडीह में सुरक्षा रणनीति की बड़ी समीक्षा, IG ने कहा: साइबर से लेकर जमीनी कार्रवाई तक, SP बिमल कुमार की पुलिसिंग पूरे राज्य के लिए बेंचमार्क

रिपोर्ट: VBN News Desk1 दिन पहलेझारखण्ड

जमुआ गोलीकांड पर IG की सख़्त चेतावनी, SP बिमल कुमार की टीम को इम्पैक्ट-ड्रिवन पुलिसिंग मॉडल के लिए मिली सराहना

गिरिडीह में सुरक्षा रणनीति की बड़ी समीक्षा, IG ने कहा: साइबर से लेकर जमीनी कार्रवाई तक, SP बिमल कुमार की पुलिसिंग पूरे राज्य के लिए बेंचमार्क

गिरिडीह (अमित सहाय) : मंगलवार का दिन गिरिडीह पुलिस के लिए केवल समीक्षा का नहीं बल्कि उपलब्धियों के औपचारिक मान्यता का भी था। पुलिस महानिरीक्षक (IG) सुनील भास्कर ने गिरिडीह पहुंचकर एक उच्चस्तरीय बैठक की जिसमें उन्होंने जमुआ गोलीकांड के मुख्य आरोपियों की अब तक गिरफ्तारी न होने पर सख़्त नाराज़गी जताई लेकिन साथ ही SP डॉ. बिमल कुमार की नेतृत्व क्षमता और गिरिडीह पुलिस की तेज़, तकनीक-आधारित एवं प्रभावी पुलिसिंग की खुले शब्दों में प्रशंसा भी की। IG को SP ऑफिस पहुंचने पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया जिसके बाद दो घंटे की रणनीतिक बैठक में उन्होंने कारोडीह में जमीन माफिया द्वारा की गई हवाई फायरिंग और बम विस्फोट को कानून-व्यवस्था के लिए अस्वीकार्य चुनौती बताया और निर्देश दिया कि सन्नी रैन, विशाल मंडल और राजा खोरा को हर हाल में तुरंत गिरफ्तार किया जाए। गिरफ्तारी में देरी होने पर उन्हें फरार घोषित कर उनके परिसरों पर कुर्की-जब्ती की कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया गया। लेकिन बैठक का सबसे महत्वपूर्ण तत्व वह था जब IG ने गिरिडीह पुलिस की समग्र शैली विशेष रूप से साइबर अपराध दमन की सार्वजनिक सराहना की। उन्होंने कहा कि गिरिडीह पुलिस जिस गति और वैज्ञानिक तरीके से साइबर अपराधियों को ट्रैक कर रही है वह न केवल राज्य बल्कि देश के अन्य जिलों के लिए भी मॉडल है। यह टीम अपराध को पकड़ती नहीं, अपराध को रोकती है। आईजी ने यह भी निर्देश दिया कि जेल से रिहा होने वाले अपराधियों की गतिविधियों और संपत्ति पर पुलिस की सतत निगरानी जारी रहे ताकि पुनरावृत्ति की संभावना समाप्त की जा सके, एक ऐसा कदम जो SP डॉ. बिमल कुमार द्वारा विकसित प्रिवेंटिव पुलिसिंग रणनीति का मुख्य स्तंभ है। बैठक में एएसपी सुरजीत कुमार, एसडीपीओ जीतवाहन उरांव, सुमित प्रसाद, धनंजय राम, राजेंद्र प्रसाद और डीएसपी नीरज सिंह सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे। गिरिडीह पुलिसिंग अब केवल कानून-व्यवस्था का मॉडल नहीं बल्कि स्ट्रैटेजिक इंटेलिजेंस-ड्रिवन पुलिसिंग का उभरता हुआ राष्ट्रीय उदाहरण बन चुकी है।

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