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मटर का दाना खाने से मासूम की दर्दनाक मौत, ब्रोंकोस्कोपी से बच सकती थी जान, लेकिन सुविधा की कमी

रिपोर्ट: VBN News Desk19 घंटे पहलेझारखण्ड

डॉ. प्रसाद के अनुसार अगर ब्रोंकोस्कोपी की सुविधा उपलब्ध हो तो ऐसी स्थिति में मरीज की जान बचाई जा सकती है।

मटर का दाना खाने से मासूम की दर्दनाक मौत, ब्रोंकोस्कोपी से बच सकती थी जान, लेकिन सुविधा की कमी

लोहरदगा (झारखंड) : मटर खाना सेहत के लिए फायदेमंद होता है लेकिन कभी-कभी यह जानलेवा भी बन सकता है। झारखंड के लोहरदगा जिले में मटर खाने से डेढ़ साल के बच्चे की दर्दनाक मौत हो गई।

मटर का दाना सांस की नली में फंसा, बचाई नहीं जा सकी जान

यह घटना कैरो थाना क्षेत्र के गुड़ी करंज टोली की है जहां खुदी उरांव का डेढ़ वर्षीय पुत्र शिवम उरांव मटर खाते समय दम घुटने से मौत का शिकार हो गया। परिजनों के अनुसार गुरुवार को वे बच्चे को खेत लेकर गए थे। खेलते-खेलते बच्चे ने मटर का पौधा उखाड़ लिया और उसे घर ले आया। खेल-खेल में उसने मटर की फली तोड़ी और दाने मुंह में डाल लिए। इसी दौरान एक मटर का दाना उसकी सांस की नली में फंस गया। जब बच्चा तड़पने लगा तो परिजनों की नजर उस पर पड़ी।

डॉक्टरों ने अस्पताल में मृत घोषित किया

बच्चे की हालत बिगड़ती देख परिजन उसे तुरंत लोहरदगा सदर अस्पताल ले गए लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

IMA अध्यक्ष ने दी सावधानी बरतने की सलाह

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के जिला अध्यक्ष और शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. गणेश प्रसाद ने इस घटना पर दुख जताते हुए बताया कि खाने की नली और सांस की नली अगल-बगल में होती हैं। सामान्य तौर पर खाते समय सांस की नली बंद हो जाती है लेकिन कई बार हड़बड़ी में यह खुली रह जाती है जिससे भोजन सांस की नली में चला जाता है। उन्होंने कहा कि छोटे बच्चों में यह खतरा अधिक रहता है। हाल ही में ऐसा ही एक मामला सामने आया था जिसमें एक तीन साल के बच्चे की सांस की नली में इमली का दाना फंस गया था और उसकी भी जान नहीं बचाई जा सकी।

ब्रोंकोस्कोपी से बच सकती थी जान, लेकिन सुविधा की कमी

डॉ. प्रसाद के अनुसार अगर ब्रोंकोस्कोपी की सुविधा उपलब्ध हो तो ऐसी स्थिति में मरीज की जान बचाई जा सकती है। हालांकि छोटे शहरों और गांवों में यह सुविधा नहीं होने के कारण समय पर इलाज नहीं मिल पाता।

बच्चों को खाने के दौरान रखें नजर

विशेषज्ञों का कहना है कि छोटे बच्चों को सख्त, छोटे या गोल आकार वाले खाद्य पदार्थ देने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए। परिजनों को सलाह दी गई है कि जब बच्चे कुछ खा रहे हों तो उन पर लगातार नजर रखें ताकि ऐसी दुखद घटनाओं से बचा जा सके।

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