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चांडिल में पं. रघुनाथ मुर्मू की 120वीं जयंती पर भव्य आयोजन की तैयारी, ओलचिकी लिपि के 100 वर्ष पूरे

रिपोर्ट: MANISH 4 घंटे पहलेझारखण्ड

संयुक्त आयोजन, सांस्कृतिक कार्यक्रमों की होगी भरमार, मुख्य अतिथि होंगे शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन

चांडिल में पं. रघुनाथ मुर्मू की 120वीं जयंती पर भव्य आयोजन की तैयारी, ओलचिकी लिपि के 100 वर्ष पूरे

चांडिल : प्रखंड क्षेत्र के रामगढ़ स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय परिसर में शनिवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई जिसकी अध्यक्षता परानिक बाबा बद्रीनाथ मार्डी ने की। इस बैठक में यह घोषणा की गई कि आगामी 12 मई 2025 (सोमवार), बैशाख पूर्णिमा के पावन अवसर पर ओलचिकी लिपि के जनक पंडित रघुनाथ मुर्मू की 120वीं जयंती भव्य रूप में मनाई जाएगी। यह ऐतिहासिक आयोजन ओल इतुन आसड़ा रामगढ़ और सत्यनारायण सोशियो इकोनॉमिक रिसर्च सेंटर के संयुक्त तत्वावधान में होगा। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ विविध प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी जिनमें संताली भाषा और संस्कृति को उजागर करने वाले प्रस्तुति शामिल होंगी। सत्यनारायण मुर्मू ने बताया कि इस वर्ष ओलचिकी लिपि के आविष्कार का 100वां वर्ष भी है। ओलचिकी मिशन 2025 के तहत यह प्रयास किया जा रहा है कि हर घर में ओलचिकी लिपि से पठन-पाठन की परंपरा विकसित हो। पं. रघुनाथ मुर्मू की यही सोच थी कि संताली समाज में शिक्षा की लौ जले और अपनी भाषा में ज्ञान का विकास हो। इस भव्य कार्यक्रम में झारखंड सरकार के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। वह संताली समाज के पारंपरिक पदधारियों, समाजसेवियों, बुद्धिजीवियों एवं प्रतिभाशाली व्यक्तियों को सम्मानित करेंगे। साथ ही "संताली टैलेंट सर्च" के विजेताओं को भी उनके हाथों पुरस्कृत किया जाएगा। बैठक में बद्रीनाथ टुडू, हरेन्द्र टुडू, लखीराम हेम्ब्रम, संतोष हेम्ब्रम, विष्णु किस्कु और बिंदावन सिंह जैसे कई गणमान्य लोग मौजूद थे जिन्होंने इस आयोजन को सफल बनाने की रूपरेखा तैयार की। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य ओलचिकी लिपि के जनक पं. रघुनाथ मुर्मू के योगदान को जन-जन तक पहुंचाना है। यह केवल एक जयंती समारोह नहीं बल्कि संताली संस्कृति और अस्मिता को संरक्षित करने की एक सशक्त पहल है।

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