ओलचिकी लिपि शताब्दी समारोह में टाटा स्टील फाउंडेशन को राष्ट्रपति के हाथों सम्मान
संताली भाषा संरक्षण में उत्कृष्ट योगदान के लिए टाटा स्टील फाउंडेशन को ओलचिकी सेंटेनरी अवॉर्ड

जमशेदपुर : ओलचिकी लिपि के 100 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित राष्ट्रीय समारोह में टाटा स्टील फाउंडेशन को प्रतिष्ठित ओलचिकी सेंटेनरी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। यह सम्मान भारत की माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा संताली भाषा और ओलचिकी लिपि के संरक्षण, संवर्धन एवं विकास में टाटा स्टील फाउंडेशन के सतत और प्रभावशाली योगदान के लिए प्रदान किया गया। यह समारोह 22वें संताली (पारसी महा) के अंतर्गत ऑल इंडिया संताली राइटर्स एसोसिएशन (एआईएसडब्ल्यूए) के तत्वावधान में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी उपस्थित रहे। टाटा स्टील फाउंडेशन की ओर से निदेशक डी. बी. सुंदररामम और सीईओ सौरव रॉय ने समारोह में भाग लिया और पुरस्कार ग्रहण किया। इस अवसर पर सीईओ सौरव रॉय ने कहा कि यह सम्मान सामुदायिक सहभागिता और वर्षों की प्रतिबद्ध मेहनत की पहचान है। उल्लेखनीय है कि टाटा स्टील फाउंडेशन वर्ष 2011 से ओलचिकी शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत है और वर्तमान में पांच राज्यों के 966 शिक्षण केंद्रों के माध्यम से 45 हजार से अधिक शिक्षार्थियों तक पहुंच बना चुका है।