छात्रा ने एके सिंह कॉलेज के शैक्षणिक प्रभारी पर लगाया छेड़छाड़ व अश्लील टिप्पणी का गंभीर आरोप
क्विज में प्रथम पुरस्कार दिलाने के नाम पर प्रोफेसर पर अश्लील हरकत का है आरोप

मेदिनीनगर (पलामू) : पलामू जिले के जपला स्थित एके सिंह कालेज के शैक्षणिक प्रभारी डॉ. रामसुभग सिंह पर एक छात्रा ने गंभीर यौन उत्पीड़न व अश्लील टिप्पणी करने का आरोप लगाया है। बिहार के ओबरा थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली छात्रा ने कॉलेज अध्यक्ष सह सांसद बीडी राम को प्रेषित आवेदन पत्र में आपबीती साझा किया है। छात्रा ने सांसद बीडी राम को प्रेषित पत्र में कहा है कि चुंकि आप कॉलेज के अध्यक्ष हैं। साथ ही झारखंड पुलिस के वरीय अधिकारी रहे हैं। इस नाते वह अपने साथ बीती घटना बता रही है ताकि उसे न्याय मिल सके। छात्रा का आरोप है कि कॉलेज में आयोजित क्वीज प्रतियोगिता में भाग लेने के सिलसिले में वह शैक्षणिक प्रभारी से जानकारी लेने गई। डॉ. रामसुभग सिंह ने उसे प्रथम पुरस्कार दिलाने का प्रलोभन देते हुए अपने आवास पर बुलाया। आपत्तिजनक बातें करने लगे। विरोध किया तो दबंगई के साथ कहा कि प्राचार्य व सचिव भी उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं। वे दोनों उसकी मुट्ठी में हैं। छात्रा ने आवेदन में यह भी लिखा है कि वह घटना के बाद बेहद डिप्रेशन में है। गरीब घर से होने के कारण परिवार व लोकलाज के डर से सीधे शिकायत नहीं कर सकी। एक सहेली के कहने पर उसने यह पत्र लिखा है। आवेदन में यह भी उल्लेख है कि कॉलेज की अन्य छात्राओं से बात करने पर पता चला कि उक्त प्रोफेसर नंबर देने के नाम पर भी अन्य छात्राओं के साथ गलत हरकत करते हैं। छात्रा ने कॉलेज अध्यक्ष सांसद बीडी राम से मामले की गंभीरता को समझते हुए अविलंब कार्रवाई की मांग की है। छात्रा ने पत्र की प्रतिलिपि कुलपति, अनुमंडल पदाधिकारी, व पलामू की पुलिस अधीक्षक को भी भेजी है। उसने कहा है कि कॉलेज में पढ़ने वाली अन्य छात्राओं को न्याय व सुरक्षा मिलना चाहिए । अब देखना दिलचस्प होगा कि सांसद सह कॉलेज के अध्यक्ष, विश्वविद्यालय प्रशासन व संबंधित पदाधिकारी इस तरह के गंभीर मामले में किस प्रकार की कार्रवाई करते हैं। आरोप सही पाए गए तो यह कॉलेज की शिक्षा प्रणाली व छात्राओं की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा होगा। इधर कॉलेज के जीबी सचिव प्रफुल्ल सिंह ने कहा कि छात्र ने आवेदन में अपना वर्ग व रोल नंबर अंकित नहीं किया है। वावजूद इसके छात्रा उनके समक्ष बयान दर्ज कराएगी तो संबंधित शिक्षक के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी। इधर अखबार छात्र द्वारा लिखे गए पत्र की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है।