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12 करोड़ का एडभाईस और बाउचर की जांच में जुटा एसबीआई, पूर्व डी डब्ल्यू ओ ने किया सहयोग

रिपोर्ट: कार्तिक कुमार2 दिन पहलेझारखण्ड

मिडिल मैन के रोल में कई लोग हैं जो कल्याण कार्यालय में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़कर इस गोरख धंधे और कारनामे को अंजाम देकर मालामाल हो गए हैं।

12 करोड़ का एडभाईस और बाउचर की जांच  में जुटा एसबीआई, पूर्व डी डब्ल्यू ओ ने किया सहयोग

पाकुड़। कल्याण विभाग में 12 करोड़ की हुई हेरा फेरी से निकासी में एडवाइस और वाउचर की जांच में एसबीआई की मेन ब्रांच गंभीरता से कर रही है। मेन ब्रांच के शाखा प्रबंधक अभिनव स्वयं अपनी देखरेख में एक साल के दौरान 74 एडवाइस से हुई कुल 12 करोड़ 38 लाख 66,000 की निकासी की एक-एक एडवाइज और वाउचर की जांच स्वयं अपनी देख रेख में कर रहे हैं। मेन ब्रांच के मैनेजर अभिनव ने बताया कि फ़िलवक्त उक्त मामले में बैंक के द्वारा जांच की जा रही है। 34.jpg उधर पुलिस भी निकासी मामले में दर्ज कांड का गंभीरता से जांच में जुटी है। अब देखना है कि दर्ज केस में बनाए गए 27 आरोपी में कौन-कौन लोगों ने पैसे की निकासी में हेरा फेरी में सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं। हालांकि अब तक की मिली जानकारी के अनुसार चंदन नामक आदमी इस हेरा फेरी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का काम किया है। चर्चा है की हेरा फेरी में वेद और मनोज नामक बैंक कर्मी इस पूरे फर्जीवाड़ा में महत्वपूर्ण रोल अदा की है। अगर पुलिस और बैंक इन तीनों से कड़ाई से पूछताछ कर तो इस हेरा फेरी और फर्जीवाड़ा का पर्दाफांस हो जाएगा। हालांकि मिडिल मैन के रोल में कई लोग हैं जो कल्याण कार्यालय में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़कर इस गोरख धंधे और कारनामे को अंजाम देकर मालामाल हो गए हैं।

बरहाल पुलिस और बैंक इस मामले की गंभीरता से जांच में जुटी है। हालांकि इस मामले में कल्याण विभाग के तीन कर्मी की महत्वपूर्ण भूमिका सामने आने के बाद पुलिस ने उनसे पूछताछ कर बॉन्ड पर छोड़ दिया है। लेकिन इतना तो तय है इस हेरा फेरी और फर्जी निकासी में कार्यालय की कर्मियों का अहम रोल है। पूछताछ कर छोड़े जाने के बाद तीनों कमी कार्यालय से नदारद है।

कल्याण पदाधिकारी ने अपने हस्ताक्षर को फर्जी बताया

पाकुड़ के तत्कालीन जिला कल्याण पदाधिकारी लक्ष्मण हरिजन के सेवानिवृत्ति के बाद भी उनके नाम से हस्ताक्षर से बैंक से में भेजी गई एडवाइज से हुई पैसे की निकासी को फर्जी बताया है । कहा कि उन्हें इस मामले में कल्याण पदाधिकारी के द्वारा तलब की गई थी ।तलब के बाद यहां पहुंचकर बैंक से स्टेटमेंट की डिमांड के बाद उनके दस्तक से भेजी गई 7 एडवाइस में उनका दस्तक नहीं है । उन्होंने स्पष्ट तौर पर वर्तमान जिला कल्याण पदाधिकारी को लिखित रूप में देकर कहा है कि उनके नाम के हस्ताक्षर से जो भी निकासी हुई है वह फर्जी है । इस मामले में जो भी जिम्मेदार बैंक के कर्मी और कार्यालय के कर्मी है उन पर तुरंत कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। उधर सामाजिक कार्यकर्ता सुरेश अग्रवाल ने कल्याण विभाग में हुई 12 करोड़ की फर्जी निकासी के मामले में सीबीआई और ईडी से जांच कराने की मांग मुख्यमंत्री से की है।

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