कड़ाके की ठंड से जनजीवन बेहाल, ग्रामीण व पहाड़ी इलाकों में कंबल वितरण की मांग
अब तक कई ग्रामीण इलाकों में कंबल का वितरण नहीं होने से लोग निराश और अपेक्षित महसूस कर रहे हैं।

Ajay Kumar
पाकुड़। जिले में हड्डी छेद देने वाली ठंड और शीतलहर के प्रकोप से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। खासकर प्रखंड क्षेत्रों, ग्रामीण इलाकों और पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले गरीब, मजदूर, असहाय व निर्धन लोगों की स्थिति अत्यंत दयनीय बनी हुई है। इसको लेकर राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता सह जिला सचिव रणजीत कुमार सिंह ने उपायुक्त मनीष कुमार से जिले के जरूरतमंद लोगों के बीच अविलंब कंबल वितरण कराने की मांग की है।
सिंह ने कहा कि शीतलहर के कारण ग्रामीण और पहाड़ी इलाकों में लोग रातें काटने को मजबूर हैं। कई स्थानों पर लोग खजूर के पत्तों की चटाई ओढ़ कर और निवाड़ी का बिछावन लगाकर खुले में सोने को विवश हैं। कड़ाके की ठंड में जान बचाना उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गई है।
उन्होंने कहा कि अब तक कई ग्रामीण इलाकों में कंबल का वितरण नहीं होने से लोग निराश और अपेक्षित महसूस कर रहे हैं। मौजूदा हालात प्रसिद्ध लेखक प्रेमचंद की कहानी ‘पूस की रात’ की याद दिलाती हैं, जिसमें कड़ाके की ठंड में गरीबों की पीड़ा को दर्शाया गया है। आज भी वही पीड़ा ग्रामीण और पहाड़ी इलाकों में देखने को मिल रही है। सिंह ने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि मानवता के आधार पर तुरंत पहल करते हुए गरीब, मजदूर, असहाय और निर्धन लोगों के बीच कंबल वितरण सुनिश्चित किया जाए, ताकि वे इस भीषण ठंड से सुरक्षित रह सकें।