वनभूमि पर अवैध नर्मदेश्वर नगर बसाने का मामला गहराया, फॉरेस्ट और पुलिस को “मैनेज” करने का दावा, पत्रकार पर दबाव का आरोप
जमीन माफियाओं ने फर्जीवाड़े से वसूले लाखों, अब वन विभाग पर मिलीभगत के आरोप, जांच की मांग तेज

गम्हरिया : सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र से सटे गम्हरिया प्रखंड के हथियाडीह स्थित वनभूमि पर अवैध रूप से बसाई जा रही नर्मदेश्वर नगर बस्ती का विवाद अब गंभीर रूप ले चुका है। 11 और 12 सितंबर को मीडिया में खबरें प्रकाशित होने के बाद वन विभाग ने मौके पर पहुंचकर अवैध बस्ती का फोटो सर्वे किया था। इसी कार्रवाई से घबराए भू-माफिया गौतम लोहार उर्फ पिंटू लोहार और विमल मुखी ने संबंधित पत्रकारों और उनके परिचितों से संपर्क कर खबर रोकने का दबाव बनाया। उन्होंने कहा कि सभी के पैसे लौटा दूंगा लेकिन इसके उलट उन्होंने बस्ती में रह रहे लोगों से वन विभाग, थाना पुलिस और पत्रकारों को मैनेज करने के नाम पर 10-10 हजार रुपये प्रति घर की वसूली कर ली।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार अब ये माफिया खुलेआम यह दावा कर रहे हैं कि उन्होंने वन विभाग के फॉरेस्टर को दो लाख रुपये देकर मामला मैनेज कर लिया है इसलिए कोई भी उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। बताया जा रहा है कि नर्मदेश्वर नगर की कई जमीनें अब भी 3.5 से 4 लाख रुपये प्रति कट्ठा की दर से बेची जा रही हैं।
उधर सरायकेला वन क्षेत्र के रेंजर दिग्विजय सिंह ने कहा कि भू-माफिया बस्तीवासियों को आगे कर विभाग और प्रशासन पर झूठे आरोप लगवा रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए जल्द ही बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जाएगा और वनभूमि को मुक्त कराया जाएगा। प्रशासनिक स्तर पर इस मामले में जांच और कानूनी कार्रवाई की मांग तेज हो गई है।