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जमीनी मांग पर जमीन पर प्रबंधन को बिठा विस्थापितों ने दिखा दी उन्हें उनकी औकात

रिपोर्ट: कार्तिक कुमार14 दिन पहलेझारखण्ड

विस्थापितों की जमीनी मांग पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग मैं संज्ञान लिया है

पाकुड़। नॉर्थ कॉल ब्लॉक से विस्थापित ग्रामीण खासकर बिशनपुर के लोगों ने कॉल प्रबंधन के साथ वेस्ट बेंगल पावर कारपोरेशन के अधिकारियों के संग सोमवार के अपराह्न में हुई बैठक में अपनी जमीनी मांग रखी। बिशनपुर गांव के विस्थापित किए गए परिवार, लोगों ने साफ तौर पर कहा कि हमारे साथ कंपनी हमारा गांव से कोयला खनन पूरी कर अब दूसरे गांव में चिलगो में खनन शुरू की है। WhatsApp Video 2025-06-17 at 10.14.38 AM (1).mp4

लेकिन बिशनपुर के लोगों को 7 साल बाद भी जमीनी बुनियादी सुविधा नहीं दी गई और नहीं मुआवजा ,नौकरी। गांव के लोगों ने अधिकारियों की कुर्सी पर ना बैठ जमीन पर बैठकर वार्ता की और उन्हें अपनी बुनियादी मांग से अवगत कराया। लेकिन प्रबंधन को आखिरकार विस्थापितों के सामने झुकना पड़ा और समय देने की मिन्नतें करने परी । लेकिन विस्थापितों का आक्रोश और रुख ने साफ कर दिया कि ग्रामीण जो कल तक अपने आप को शोषित और ठगा महसूस कर रहे थे। आज खुली जुबान से एकजुट को उनका विरोध ही नहीं किया बल्कि दस्तावेज में उल्लेख समझौता को धरातल पर उतरने तक माइनिंग और ट्रांसपोर्टिंग को बंद रखने का फैसला सुना दिया। जिला प्रशासन के अधिकारी भी विस्थापितों कि वास्तविक मांग को सुना ,समझा और प्रयास किया कि प्रबंधन को वक्त दें। लेकिन लोग अपनी जिद और मांग पर अड़े गए। अब देखना है कि वेस्ट बंगाल पावर कॉरपोरेशन विस्थापितों को कब तक उनकी जमीनी मांग पूरी करती है या फिर पे रोल पर कंपनी के हित में काम करने वाले अधिकारी का साथ ले विस्थापित के ऊपर दबाव और प्रभाव दिखाकर कहीं माइनिंग और ट्रांसपोर्टिंग का काम तो नहीं शुरू दे। हालांकि विस्थापितों की जमीनी मांग पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग मैं संज्ञान लिया है और बहुत जल्द आयोग पाकुड़ पहुंचकर विस्थापितों के हित में की गई जमीनी काम की धरातलीय सच्चाई जानेगी।

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