झारखंड आंदोलन के पुरोधा दिशोम गुरु शिबू सोरेन को चांडिल में श्रद्धांजलि, आदिम डेवलपमेंट सोसाइटी ने किया भावुक आयोजन
नेता नहीं विचारधारा थे दिशोम गुरु, सालगाडीह स्कूल में शिक्षकों-विद्यार्थियों ने नम आंखों से दी विदाई

चांडिल : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, झामुमो संस्थापक संरक्षक और झारखंड आंदोलन के पुरोधा दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर पूरे राज्य में शोक की लहर है। इसी क्रम में मंगलवार को चांडिल प्रखंड अंतर्गत सालगाडीह स्थित सिद्धू-कान्हू पब्लिक स्कूल एवं ग्वालापाड़ा स्थित आदिम डेवलपमेंट सोसाइटी स्कूल परिसर में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। आयोजन में समाजसेवी, शिक्षक, विद्यार्थी और स्थानीय नागरिक बड़ी संख्या में शामिल हुए। सभी ने मिलकर एक मिनट का मौन रखकर स्वर्गीय गुरुजी को श्रद्धासुमन अर्पित किया। इस दौरान वातावरण बेहद भावुक हो गया। कई शिक्षकों की आंखें नम हो गईं। सामाजिक कार्यकर्ता बाबूराम सोरेन ने कहा कि दिशोम गुरु अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका विचार, संघर्ष और जल-जंगल-जमीन के लिए दिया गया योगदान हमेशा प्रेरणास्त्रोत बना रहेगा। उन्होंने कहा कि झारखंड की माटी और अधिकार की जो लड़ाई उन्होंने लड़ी उसी के परिणामस्वरूप झारखंड राज्य अस्तित्व में आया। विद्यालय के शिक्षकों ने कहा कि शिबू सोरेन एक नेता नहीं, बल्कि एक विचारधारा थे। उनका जीवन आदिवासी समाज के अधिकार, संघर्ष और समाज सेवा के लिए समर्पित था। उपस्थित लोगों ने उनके पदचिन्हों पर चलने का संकल्प लिया। इस मौके पर दुर्गा रानी सोरेन, देवलाल सोरेन, अनीता सोरेन, विजय मुर्मू, एक्स-आर्मी सुदन टुडू, बबलू टुडू, लालमोहन मुर्मू, भरत मुर्मू, सुमित्रा मुर्मू, कुमारी, छवि बारिक सहित कई अन्य लोग मौजूद रहे। आयोजन की समाप्ति सभी ने दिशोम गुरु को नम आंखों से अंतिम विदाई देते हुए की।