विश्व एड्स दिवस 2025 विशेष: टीएमएच के डॉ. बिनोद कुमार ने बताया रोकथाम, जागरूकता और समय पर उपचार है जीवन का आधार
कलंक मिटाएँ, सेवाओं का विस्तार करें, डॉ. बिनोद कुमार का वैश्विक एचआईवी प्रतिक्रिया को बदलने का आह्वान

जमशेदपुर : विश्व एड्स दिवस 2025 के अवसर पर टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच), जमशेदपुर के कंसल्टेंट एवं इन-चार्ज, डर्मेटोलॉजी विभाग डॉ. बिनोद कुमार ने एचआईवी/एड्स के बढ़ते वैश्विक खतरे, इसके संक्रमण, रोकथाम और आधुनिक चिकित्सा उपलब्धियों पर विस्तृत जानकारी साझा की। डॉ. कुमार के अनुसार विश्व एड्स दिवस हर वर्ष 1 दिसंबर को 1988 से मनाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य एचआईवी/एड्स से जुड़े जागरूकता बढ़ाना और उन लोगों को श्रद्धांजलि देना है जिन्होंने इस बीमारी के कारण अपनी जान गंवाई। वर्ष 2023 तक विश्व में लगभग 39.9 मिलियन लोग एचआईवी के साथ जीवन जी रहे हैं, जिनमें से 65 प्रतिशत अफ्रीकी क्षेत्र में हैं। इस वर्ष का थीम Overcoming Disruption, Transforming the AIDS Response स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक मजबूत बनाने, एचआईवी सेवाओं को व्यापक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में एकीकृत करने और भेदभाव को समाप्त करने पर जोर देता है। डॉ. कुमार ने कहा कि लोगों को यह समझने की आवश्यकता है कि एचआईवी पसीने, लार, आँसू, स्पर्श या साझा बर्तनों से नहीं फैलता। संक्रमण केवल संक्रमित रक्त, वीर्य, योनि द्रव, दूषित सुइयों और गर्भावस्था/प्रसव/स्तनपान के दौरान माँ से बच्चे तक हो सकता है। उन्होंने एचआईवी संक्रमण के चार चरण एक्यूट संक्रमण, क्लीनिकल लेटेंसी, सिम्प्टोमैटिक एचआईवी और एड्स का सरल शब्दों में वर्णन किया। डॉ. कुमार ने बताया कि चिकित्सा विज्ञान में तेज प्रगति के कारण अब लॉन्ग-एक्टिंग इंजेक्टेबल एआरटी, मासिक या द्विमासिक खुराक के रूप में उपलब्ध हैं जिससे उपचार पालन में सुधार हुआ है। वहीं नई लंबी अवधि वाली प्री-एक्सपोज़र प्रोफिलैक्सिस तकनीकें उच्च जोखिम समूहों को बेहतर सुरक्षा प्रदान कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जल्दी जांच और समय पर एआरटी के जरिए एचआईवी से पीड़ित व्यक्ति भी एक लंबा, स्वस्थ और सम्मानजनक जीवन जी सकते हैं। अंत में, डॉ. कुमार ने समाज से कलंक-रहित वातावरण बनाने और रोकथाम को प्राथमिकता देने की अपील की।